श्याम वर्ण मेघा जब छाए
नाचे मोर चातक हरशाये
प्रेम पिपासी धरा से मिलने
मेघ! नीर बन दौड़े आए |
धरती ने सोलह श्रृंगार किया
हरित वस्त्र फिर धार लिया
सजना से मिलने को हो तत्पर
मिलन ऋतु का आभार किया |
जब प्रेम मिलन साकार हुआ
नव जीवन का संचार हुआ
स्फुटित होते नव अंकुरों से
निश्छल प्रेम चरितार्थ हुआ |
नाचे मोर चातक हरशाये
प्रेम पिपासी धरा से मिलने
मेघ! नीर बन दौड़े आए |
धरती ने सोलह श्रृंगार किया
हरित वस्त्र फिर धार लिया
सजना से मिलने को हो तत्पर
मिलन ऋतु का आभार किया |
जब प्रेम मिलन साकार हुआ
नव जीवन का संचार हुआ
स्फुटित होते नव अंकुरों से
निश्छल प्रेम चरितार्थ हुआ |
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